जबकि सामान्य हर आदमी हर पल अपनी सक्रियता का दाम चाहता है।
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एक सुदृण समाज में अच्छे, बुरे एवं सामान्य हर तरह के लोगों का रहना जरुरी होता है वो ही हालात यहाँ भी हैं.
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एक सुदृण समाज में अच्छे, बुरे एवं सामान्य हर तरह के लोगों का रहना जरुरी होता है वो ही हालात यहाँ भी हैं.
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निदा फाज़ली की नज्में कुछ इस तरह चर्चित हैं कि अपने आस-पास साधारण, सामान्य हर तरह का आदमी उनकी पंक्तियाँ कह रहा होता है पर अक्सर सुनाने वाले और सुनने वाले दोनों को ही पता नहीं होता कि ये निदा फाज़ली की लाइनें हैं...
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निदा फाज़ली की नज्में कुछ इस तरह चर्चित हैं कि अपने आस-पास साधारण, सामान्य हर तरह का आदमी उनकी पंक्तियाँ कह रहा होता है पर अक्सर सुनाने वाले और सुनने वाले दोनों को ही पता नहीं होता कि ये निदा फाज़ली की लाइनें हैं...निदा फाज़ली उन चुनिन्दा लोगों में श...
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निदा फाज़ली की नज्में कुछ इस तरह चर्चित हैं कि अपने आस-पास साधारण, सामान्य हर तरह का आदमी उनकी पंक्तियाँ कह रहा होता है पर अक्सर सुनाने वाले और सुनने वाले दोनों को ही पता नहीं होता कि ये निदा फाज़ली की लाइनें हैं...निदा फाज़ली उन चुनिन्दा लोगों में श
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निदा फाज़ली की नज्में कुछ इस तरह चर्चित हैं कि अपने आस-पास साधारण, सामान्य हर तरह का आदमी उनकी पंक्तियाँ कह रहा होता है पर अक्सर सुनाने वाले और सुनने वाले दोनों को ही पता नहीं होता कि ये निदा फाज़ली की लाइनें हैं...निदा फाज़ली उन चुनिन्दा लोगों में शामिल हैं जिन्होंने इस पाप-कल्चर के युग में भी युवाओं को नज्में गुनगुनाने पर मजबूर कर दिया है..
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कुंडलिनी जागरण के नाम पर जो अनेकों अनुभव साधक बयान करते हैं वह एक सामान्य हर व्यक्ति की परामानसिक शक्तियां है जो किसी भी प्रकार के ध्यान के प्रयासों से आपकी अति शिथिल अवस्था में सतह पर आने लगती है और यही अनुभवों को आपके गुरू कुंडलिनी जागरण के अनुभव बताकर आपके अहंकार को पुष्ट कर देते हैं या आपको संतुष्ट कर देते हैं जिससे आपके लगता है कि आप सही राह पर हैं।